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पीरियड्स क्या हैं और क्यों होते हैं? पीरियड्स लाने के उपाय

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पीरियड्स क्या हैं और क्यों होते हैं? पीरियड्स लाने के उपाय || Periods Kya Hota Hai

आइये जाने Periods Kya Hota Hai : 8 वर्ष से ज्यादा की उम्र की किसी भी महिला के योनि से हर महीने एक नियमित अंतराल पर होने वाले रक्त स्राव या ऊतकों का बाहर आना पीरियड्स कहलाता है। यह एक सामान्य सी जैविक प्रक्रिया है। पीरियड्स (Menstrual Cycle) को हिंदी में मासिक धर्म या माहवारी भी कहते हैं

किसी भी महिला के जीवन में पीरियड्स (मासिक धर्म) की शुरुआत इस बात का संकेत होता है की अब वह बिओलॉजिकली प्रेग्नेंट हो सकती है। आप सभी के मन में इसको लेकर अनेक सवाल होंगे जैसे:

  • पीरियड्स क्या है?
  • पीरियड्स कब होता है?
  • पीरियड्स आने के संकेत क्या हैं?
  • पीरियड्स को हिंदी में क्या कहते हैं?
  • पीरियड्स के कितने बाद सम्बन्ध बनाने से गर्भ नहीं ठहरता?

आदि इस ब्लॉग पोस्ट के जरिये आपके इन सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे। लेकिन अगर आपको पीरियड्स से जुड़ी कोई समस्या है तो अपने नजदीकी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से अवश्य संपर्क करे। 

पीरियड्स कितने दिन का होता है? (Periods Kya Hota Hai)

पीरियड्स कितने दिन का होता है? : पीरियड को हिंदी में मासिक धर्म कहते हैं पीरियड्स एक ऐसी नैचुरल प्रक्रिया है जिसमे हर महीने महिला के यूटेरस से ब्लड और ऊतक योनि के मार्ग से होते हुए शरीर के बाहर आता है। यह स्थिति एक बार शुरू होने के बाद लगभग हर महीने चलता है जिसकी अवधि 3 से 7 दिनों की हो सकती है। 

यह लगभग सभी महिला के जीवन का हिस्सा है लेकिन आज भी बहुत सी महिलाएं इसके बारे में बात चित करने में संकोच करती हैं और माहवारी में पैड की जगह गंदे कपडे का इस्तेमाल करती हैं जिससे अनेकों बीमारियां हो सकती हैं।  पीरियड्स के बारे में जानना हर महिला और पुरुष दोनों के लिए आवश्यक है ताकि आप अपने और अपने साथ की महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देख रेख कर सकें। 

पीरियड साइकिल कैलकुलेटर (Period Cycle Calculator/Periods Kya Hota Hai)

किसी महिला के एक पीरियड्स के पहले दिन से लेकर उसके अगले पीरियड शुरू होने के पहले दिन के बिच का समय ही पीरियड साइकिल (period cycle length calculator) या मेंस्ट्रुअल साइकिल कहलाता है। इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं-अगर आपका पीरियड्स 16 जून को शुरू हुआ और अगले महीने फिर 20 जुलाई को आपके पीरियड्स का पहला दिन है तो 16 जून से 20 जुलाई के बिच का समय आपका पीरियड साइकिल या मेंस्ट्रुअल साइकिल कहलायेगा. इस पूरी अवधि या पीरियड साइकिल को 4 भागों में बाँटा जा सकता है: 

  • पीरियड्स: प्यूबर्टी की उम्र में 3-7 दिनों के लिए महिलाओं के गर्भाशय (यूटेरस) से यूटेराइन लाइनिंग का टूटकर रक्त स्राव के रूप में योनि के माध्यम से शरीर के बाहर आना पीरियड्स का पहला चरण है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। 
  • फॉलिक्युलर फेज: यह पीरियड्स के समाप्त होने के बाद शुरू होने वाला चरण है। इस दौरान महिला के अंडाशय(ओवरी) में फिर से अंडा बनना शुरू हो जाता है और उनके शरीर में एस्ट्रोजन यानि कि महिला होर्मोनेस का स्तर भी बढ़ जाता है यूटेरस के अंदर यूटेराइन लाइनिंग बनने लगती है। 
  • ओव्यूलेशन: यह पीरियड साइकिल का तीसरा चरण है। इस दौरान महिला के ओवरी से एग रिलीज होता है इसे ही ओव्यूलेशन की प्रक्रिया कहते हैं. इस दौरान कोई भी महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है ओवुलेशन के दौरान जब किसी महिला का एग फॉलोपियन ट्यूब में जाता है और वहां स्पर्म के साथ कांटेक्ट में आता है तो फर्टिलाइजेशन की सम्भावना बढ़ जाती है लेकिन अगर वह एग फर्टिलाइज़ नहीं हो पाता है तो वह पीरियड्स के दौरान यूटेराइन लाइनिंग के टूटने पर ब्लड के रूप में शरीर से बाहर आ जाता है। 
  • ल्युटियल फेज: मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान आने वाला यह 4था या अंतिम चरण होता है जो अगले पीरियड्स के आने के पहले तक चलता है। अगर ओव्यूलेशन के दौरान महिला का अंडा पुरुष स्पर्म के संपर्क में नहीं आता है और फर्टिलाइजेशन नहीं होता है तो उनकी यूटेराइन लाइनिंग टूटने लगती है और रक्तस्राव के रूप में शरीर से बहार निकलने लगती है जिसे सामान्य भाषा में पीरियड्स कहते हैं। 

पीरियड्स आने के लक्षण :

पीरियड शुरू होने से पहले आपके शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन आते हैं जिसकी मदद से आप अपने पीरियड आने के संकेत को पहचान सकते हैं : 

  • पेट में दर्द या ऐंठन महसूस होना 
  • चेहरे पर मुहांसे का ब्रेकआउट होना 
  • पीरियड्स आने से पहले आपके स्तन कोमल हो जाते हैं 
  • पीरियड्स आने के संकेतों में थकान भी एक मुख्य लक्षण है जो हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है 
  • ब्लोटिंग या पेट में सूजन होना भी पीरियड आने के संकेत हो सकते हैं 
  • मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन आदि जैसे लक्षण पीरियड आने के संकेत है 

पीरियड्स प्रॉब्लम (पीरियड में होने वाली समस्या)

पीरियड के दौरान कुछ महिलाओं को तो बहुत ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होती है लेकिन वहीँ कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिन्हे पीरियड प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है जिन्हें आम बोलचाल में पीरियड्स में होने वाली समस्या भी कहते हैं। इन समस्याओं में शामिल है चेहरे परे कील-मुहांसे का आउटबर्स्ट होना, स्वाभाव में चिड़चिड़ापन या बार बार मूड स्विंग्स होना. कुछ लड़कियों के पेट में या पीठ के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द भी होता है। पेट में सूजन होना, वॉमिटिंग होना, आदि।  

कभी-कभी पीरियड्स जल्दी क्यों आता है?

सामान्यतः किसी भी महिला का पीरियड एक महीने में एक बार होना चाहिए और उनका मेंस्ट्रुअल साइकल कम से कम 28 दिनों का होना चाहिए लेकिन कई बार पीरियड्स जल्दी भी आ जाते हैं जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे – होर्मोनेस का असंतुलन इसका एक बहुत बड़ा कारण है जब भी किसी महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में उतार चढ़ाव होता है तो पीरियड्स भी जल्दी आता है। बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना, अगर आपने किसी प्रकार का बर्थ कंट्रोल पिल लिया है तो भी आपके हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और पीरियड जल्दी आता है। थायरॉइड या पीसीओएस की समस्या होना, मोटापा, आदि कुछ ऐसी खास वजह है जिसके कारण पीरियड जल्दी आता है।  

पीरियड्स लाने के उपाय (jaldi period lane ke upay)

पीरियड्स लाने के उपाय: जिन महिलाओं के पीरियड समय पर नहीं आते हैं उन्हें कई बार इस बात की काफी चिंता भी होती है. पीरियड्स देर से आने के कारणों में पीसीओएस एक मुख्य कारण हो सकता है लेकिन कभी कभी मिसिंग पीरियड्स आपकी प्रेगनेंसी का संकेत भी हो सकती है। लेकिन कुछ ऐसे घरेलु उपचार है जिन्हे अपनाकर आप पीरियड्स को नियमित कर सकती है और जिससे पीरियड्स आने में मदद मिलेगी: 

  • अदरक की चाय पीना फायदेमंद हो सकता है क्यूंकि अदरक में जिंजरोल नामक कम्पाऊण्ड पाया जाता है जो सूजन को कम करता है। 
  • विटामिन सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करे जैसे आवला, संतरा, निम्बू आदि। 
  • पोटैसियम और सोडियम की उपलब्धता के कारण गुड़ खाना भी एक अच्छा उपचार माना जाता है। 
  • हल्दी को भी पीरियड्स जल्दी आने के लिए खाना चाहिए। 
पीरियड्स के दौरान सेक्स

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाने से गर्भ नहीं ठहरता?

जिन महिलाओं को गर्भधारण नहीं करना है उन्हें पीरियड्स के कितने दिन बाद सम्बन्ध बनाना चाहिए यह जानने के लिए पहले अपने ओवुलेशन पीरियड को ट्रैक करना होगा। ओवुलेशन के दौरान महिलाओं की गर्भधारण क्षमता बढ़ जाती है और उन दिनों वो सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है इसलिए अगर किसी का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का होता है तो 12वें, 13वें, 14वें दिन सम्बन्ध बनाना प्रेगनेंसी के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन जिन्हे गर्भधारण नहीं करना है उन्हें पीरियड्स के 17वे दिन से सम्बन्ध बनाना चाहिए। इन दिनों में सम्बन्ध बनाना सुरक्षित माना जाता है। 

पीरियड्स में सम्बन्ध बनाने से क्या होता है? (period me sex karne se kya hota hai)

पीरियड्स के दौरान सम्बन्ध बनाने में वैसे तो कोई जोखिम नहीं है लेकिन ब्लीडिंग के कारण उस समय संक्रमण की सम्भावना अधिक होती है इसलिए चाहे तो यीस्ट इन्फेक्शन (yeast infection) से बचाव हेतु इसे अवॉयड कर सकते हैं।  ज्यादातर मामलों में यही देखा गया है कि पीरियड्स के दौरान सम्बन्ध बनाने से प्रेगनेंसी की सम्भावना बहुत कम होती है लेकिन फिर भी अगर आप अभी कंसीव नहीं करना चाहती हैं तो पीरियड्स के दौरान सम्बन्ध बनाते समय निरोध का उपयोग करें जिससे आप संक्रमण और अनचाहे गर्भधारण से भी बचाव कर पाएंगी।

पीरियड्स के दौरान यूटेरस की परत टूट रही होती है इसलिए ऑर्गैजम से पीरियड्स क्रैम्प में राहत मिलती है। सेक्स के समय एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो एक हैप्पी हॉर्मोन है जिससे पेट दर्द, सर दर्द और शरीर के दर्द में आराम मिलता है. जिन महिलाओं की योनि सेक्स के दौरान अक्सर सुखी रहती है उन्हें सम्बन्ध बनाने में कठिनाई होती है इसलिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करना उनके लिए पेनलेस होता है क्यूंकि उस दौरान नेचुरल लुब्रिकेशन होता है। 

पीरियड्स कितने दिन तक रहता है ?

पीरियड्स हर महिला के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा होता है जो इस बात का संकेत करता है कि अब वह प्रेग्नेंसी कन्सीव कर सकती है। प्रत्येक महिला के पीरियड्स का फ्लो और दिनों की संख्या अलग अलग होती है. किसीका  पीरियड्स 3 दिन तक रहता है, किसी का 4 तो किसी का 5 दिन तक. सामान्यतः जिनका पीरियड्स 3 से 7 दिन तक रहता है उन्हें हैल्दी माना जाता है।

इस ब्लॉग में लिखी गयी जानकारी पीरियड्स क्या होता है ? आपको पसंद आयी होगी अगर आपको पीरियड्स से संबधित किसी भी प्रकार कि समस्या आती है तो अपने पास के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से अवश्य संपर्क करे। 

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